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MP: कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने को लेकर कई अटकलें, संशय अब भी बरकरार

  1. नाथ के नजदीकी सूत्रों का मानना है कि वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं
  2. यह भी चर्चा है कि भाजपा में कमल नाथ को शामिल करने पर सहमति नहीं बन पा रही है
  3. नकुल के साथ कम से कम 20 विधायकों को साथ लाने की शर्त भी रखी गई है

Madhya pradesh bhopal kamal nath many speculations about kamal nath joining bjp doubts still remain: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के भाजपा में शामिल होने को लेकर तरह-तरह की अटकलें हैं। अब कहा जा रहा है कि कमल नाथ की बात भाजपा में नहीं बन पा रही है। नाथ के नजदीकी सूत्रों का मानना है कि वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं। यह भी चर्चा है कि भाजपा में कमल नाथ को शामिल करने पर सहमति नहीं बन पा रही है।

भाजपा के कई नेता कमल नाथ को साथ लेकर सिख समुदाय को नाराज न करने की दलील दे रहे हैं। कमल नाथ के पुत्र व सांसद नकुल नाथ को भाजपा स्वीकार कर सकती है, लेकिन इस पर भी अब संशय गहराने लगा है। भाजपा सूत्रों का यह भी कहना है कि नकुल के साथ कम से कम 20 विधायकों को साथ लाने की शर्त भी रखी गई है। इधर, मामला लंबा खिंचता देख उनके समर्थक विधायक भी अब संशय में हैं।

कमल नाथ को लेकर पिछले तीन दिनों से अटकलें चल रही हैं। इसे हवा और तब मिली, जब उन्होंने इसका खंडन नहीं किया। छिंदवाड़ा शिकारपुर में विधायक, पूर्व विधायक सहित पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में परिवर्तन कर एक दिन पहले दिल्ली पहुंच गए। इसके पहले मीडिया प्रोफाइल बदल गई। उनके समर्थकों ने पार्टी नेताओं द्वारा कमल नाथ का अपमान किए जाने का आरोप लगाया।

कुछ नेताओं ने भी अपनी प्रोफाइल बदली। दिल्ली में कमल नाथ के भाजपा नेताओं से मुलाकात करने की अटकलें लगाई गईं पर कोई पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद उनके भरोसेमंद पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सामने आए और कमल नाथ के भाजपा में जाने की अटकलों का ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया और दावा किया कि कमल नाथ कहीं नहीं जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कमल नाथ के हवाले से दावा किया कि वे कहीं नहीं जा रहे हैं पर सूत्रों का कहना है कि भाजपा में सहमति नहीं बनने के कारण कमल नाथ की एंट्री को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो रही है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा उनके पुत्र नकुल नाथ को तो पार्टी में ले सकती है बशर्ते वे कम से कम 20 विधायक भी साथ लाएं, जिसकी स्थिति भी नहीं बन रही है। कोई विधायक उपचुनाव का सामना नहीं करना चाहता है, यही कारण है कि अधिकतर विधायक दिल्ली भी नहीं गए और कोई बयान भी नहीं दिया।

उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स हैंडल पर वीडियो पोस्ट कर विधायकों की पार्टी के प्रति भावना, एकजुटता और धैर्य का परिचय देने को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कहा कि बीते तीन-चार दिन से जो वातावरण बन रहा था, उसमें जिस तरह धैर्य का परिचय दिया और कांग्रेस के साथ खड़े रहे, वह प्रशंसनीय है। यह हमारी मनोवैज्ञानिक जीत है।

सदन में जिस तरह सरकार को एकजुटता के साथ घेरा और संयुक्त रूप से खड़े रहे, उसे लेकर आपको सेल्यूट करता हैं। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारी के लिए आयोजितत बैठक में भाग लेने के लिए आने वाले विधायकों से पूरे घटनाक्रम पर फीडबैक भी ले सकते हैं।

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